मऊ, दिसम्बर 23 -- मऊ, संवाददाता। केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में सोमवार को संयुक्त वामपंथी दलों के पदाधिकारियों ने जुलूस की शक्ल में कलक्ट्रेट पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित चार सूत्री मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपकर मनरेगा के स्थान पर लाए गए नए कानून को निरस्त करने की मांग की। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य एवं पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद ने कहा कि एक अधिकार-आधारित कानून को तोड़कर इसे विवेकाधीन योजना में बदलकर, सरकार सिर्फ गारंटीकृत रोजगार के विचार को ही कमजोर कर रही है। विनोद राय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी के नाम को जानबूझकर हटाना कोई साधारण प्रशासनिक बदलाव नहीं बल्कि गहरा फासिस्ट अहंकार है। भाकपा के जिला मंत्री राम अवतार सिंह ने कहा कि मनरेगा ने ...