नई दिल्ली, अगस्त 14 -- भारत ने एक बार फिर सिंधु जल संधि पर स्थायी मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज एक प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि भारत इस तथाकथित मध्यस्थता न्यायालय की वैधता, औचित्य या क्षमता को कभी स्वीकार नहीं करता। उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले का कोई अधिकारिक आधार नहीं है और यह भारत के जल इस्तेमाल के अधिकारों पर कोई असर नहीं डालता। जायसवाल ने यह भी कहा कि इस तथाकथित "फैसले" से संबंधित पाकिस्तान के चुनिंदा और भ्रामक संदर्भों को भारत पूरी तरह से अस्वीकार करता है। उन्होंने 27 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए दोहराया कि भारत सरकार ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद, विशेष रूप से पहलगाम हमले की बर्बरता के जवाब में, सिंधु जल संधि को रद्द ...