जमुई, मार्च 1 -- ग्वालपाड़ा । निज प्रतिनिधि इस्लामिक मतावलंबियों का सबसे पाक और मुकद्दस महीना रमजान आज से शुरू हो गया। सब्र और गुनाहों से मगफिरत के इस मुबारक महीने में अकीदतमंद पूरे एक महीने तक रोजा रख कर अल्लाह तआला की इबादत करेंगे। इस दौरान दिन भर भूखे- प्यासे रहकर मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा करेंगे। रहमत और बरकत के इस महीने में रोजेदारों पर अल्लाह की रहमत बरसती है। रमजान में रोजा रखना मोमिनों के लिए फर्ज करार दिया गया है। कुरआन के सूरह अल- बकरा की आयत 182 से 187 में रोजे का जिक्र आया है। लाचार और बीमार लोगों को रोजा रखने में रियायत दी गई है। जानबूझ कर रोजा छोड़ने पर कफ्फारा अदा करना पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि माहे रमजान के लैलतुल - कद्र की रात को इस्लाम के सबसे पाक ग्रंथ कुरआन नाजिल फरमाया गया था। .
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