पूर्णिया, जुलाई 22 -- मीरगंज, एक संवाददाता। मीरगंज में मिथिलांचल की सांस्कृतिक पहचान मधु श्रावणी व्रत को लेकर नवविवाहित महिलाओं में उत्साह चरम पर है। इस व्रत में नवविवाहिताएं 14 दिनों तक भगवान शिव, माता पार्वती, नाग-नागिन और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करती हैं। इस व्रत के दौरान, नवविवाहिताएं पारंपरिक गीत गाती हैं और ससुराल से आए हुए वस्त्र और पूजन सामग्री का उपयोग करती हैं। व्रत के अंतिम दिन, ससुराल से भोज्य सामग्री आती है और गांव की महिलाएं हंसी-खुशी के साथ भोजन करती हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करता है। दुर्गा मंदिर मीरगंज के पंडित विवेकानंद झा ने बताया कि मधुश्रावणी सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय स्त्री के समर्पण, श्रद्धा और पति के लिए अनन्य प्रेम का प...