मधुबनी, जुलाई 17 -- बाबूबरही, निज संवाददाता। मिथिला की लोक संस्कृति और आस्था से जुड़ा नवविवाहिताओं का पर्व मधुश्रावणी को लेकर गांव-घर गुलजार हो रहा है। पति के दीर्घायु की कामना को लेकर यह पर्व 15 दिनों तक मनाया जाता है। बरदाही, बेला, गोटबरही, मौआही, तेघरा, सतघारा, सर्रा, बथुआहा आदि गांवों में नवविवाहिताओं की टोली शाम को फूल चुनने जाती है और सुबह में पूजा करती है। 15 दिनों में व्रती जहां बिना नमक का खाना खाती हैं। जमीन पर सोती हैं और झाड़ू नहीं छूती हैं। नवविवाहिता स्नेहा मिश्रा, अंकिता झा, रचना झा, रीमा झा, एकता झा, मनीषा झा आदि ने बताया कि मधुश्रावणी पर्व में बहुत ही नियम कायदे से रहना पड़ता है। इसके साधना में रोज सुबह में स्नान-ध्यान कर नवविवाहिता बिषहरा यानि नाग वंश की पूजा और मां गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं। फिर गीत-नाद होता है और कथा स...