बुलंदशहर, जून 30 -- क्षेत्र के ग्राम भराना में श्रीशत चंडी महायज्ञ में तृतीय दिवस आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक आश्रम महंत स्वामी वेद मूर्तिफलारी महाराज ने कहा मधुर वाणी से ही मधुर संबंधों के फूल खिलते हैं। बगीचे की मिट्टी कितनी ही अच्छी हों उसमे खाद कितना ही अच्छा डाला जाय लेकिन पानी यदि खारा तो उसमे फूल नहीं खिल सकते। ऐसे ही आपके अच्छे कर्म हो, हृदय के भाव भी निर्मल हो, लेकिन वाणी कठोर हो तो जीवन की वाटिका में मधुर संबंधों के फूल नहीं खिल सकते। इसलिए हमें अपनी वाणी में मिठास रखनी चाहिए। श्रीशत चंडी महायज्ञ में दूर से आये श्रद्धालुओ ने यज्ञ में आहुतियां दी। इस मौके पर आचार्य सुनील पारशर, आचार्य पंडित आशीष उपाध्याय, कृष्णकांत महाराज,सभी यजमान परिवार सहित उपस्थित रहे।

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