आजमगढ़, मई 2 -- बरदह । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ठेकमा पर गुरुवार को संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. बृजभूषण सिंह ने कहा कि मधुमक्खी के डंक मारने से इंसानों की मृत्यु मुख्य रूप से दो कारण से हो सकती है। पीड़ित व्यक्ति को पहले एलर्जी हो सकती है, जिससे इनाफिलेक्टिक शाक हो सकती है, जो जानलेवा हो सकता है। इसलिए जब कोई मधुमक्खी किसी व्यक्ति को डंक मारती है तो डंक और बीस की थैली मुंह से बाहर निकल जाती है। जिससे मधुमक्खी एक सेकंड के भीतर मर जाती है। यदि डंक पीड़ित व्यक्ति से नहीं निकाला जाता है तो इससे थैली में जहर की मात्रा बढ़ जाती है और उस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। डॉ. बृजभूषण सिंह ने कहा कि अगर किसी को मधुमक्खी काटे तो तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं एवं उसे ठंडे पानी ...