नई दिल्ली, अगस्त 4 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को द्रमुक के सदस्यता अभियान 'ओरानियिल तमिलनाडु' के लिए ओटीपी सत्यापन संदेशों के इस्तेमाल पर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर की पीठ ने द्रमुक की अपील यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला संवेदनशील है। पीठ ने कहा कि पूरी प्रक्रिया संदिग्ध है। पीठ ने कहा कि अदालत को नागरिकों की रक्षा करनी है। आप फिर से हाईकोर्ट जाएं। हम इस मामले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इसे खारिज किया जाता है। द्रमुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन ने दलील दी कि पार्टी 'आधार विवरण एकत्र नहीं कर रही है। उन्होंने दलील दी कि हाईकोर्ट ने गलत आदेश पारित किया है क्योंकि इस मामले में किसी निर्देश का अनुरोध नहीं किया गया था। विल्सन...