रुडकी, अगस्त 19 -- प्रदेश सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड समाप्त करने के प्रस्ताव को झबरेड़ा विधायक विरेंद्र जाती ने दुर्भाग्यपुण बताया है। गैरसैंण में आयोजित विधानसभा के दौरान विधायक जाती ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि विधानसभा में पारित किए जाने वाले प्रस्ताव से लाखों बच्चों और शिक्षकों का भविष्य अनिश्चित हो जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 30 के अंतर्गत अल्पसंख्यकों को अपनी शैक्षणिक संस्थाएं चलाने का अधिकार है। लेकिन सरकार बिना संवाद और सहमति के इस अधिकार को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। कहा कि यदि वास्तव में शिक्षा सुधार की मंशा होती तो सरकार मदरसों में आधुनिक विषय-विज्ञान, गणित, कंप्यूटर और व्यावसायिक शिक्षा को जोड़ती। कहा कि जब अन्य परंपरागत धार्मिक संस्थानों (जैसे संस्कृत विद्यालय और गुरुकुल) को मान्यता मिल रही है तो केवल मदरसों को निशाना बन...