मथुरा, दिसम्बर 3 -- ऑटो-ई रिक्शा शहर की यातायात व्यवस्था के लिए मुसीबत बने हुए हैं लेकिन यह भी सही है कि दो वक्त की रोटी कमाने वाले ऑटो व ई-रिक्शा चालकों की परेशानियां भी अपनी हैं। शहर में कहीं भी निर्धारित स्टैंड न होने के कारण चालक मजबूरन सड़क किनारे वाहन खड़े करते हैं। हालांकि इससे यातायात जाम होता है लेकिन इन चालकों का कहना है कि कहीं पर स्टैंड न होने के कारण रोड पर वाहन खड़ा करना उनकी मजबूरी है। ऐसे में अक्सर उन्हें चालान भुगतना पड़ता है। चालक बताते हैं कि उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। न तो निचले स्तर के अधिकारी, न ही बड़े अफसर और न ही कोई जनप्रतिनिधि, किसी को उनकी समस्या से सरोकार नहीं है। चालक कहते हैं कि गलती हो या न हो, दोष हमेशा हमारे सिर पर मढ़ दिया जाता है। महीने में शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जब चालान न कटता हो। ऑटो और ई-रिक्श...