धनबाद, नवम्बर 21 -- धनबाद, संवाददाता मत्स्य विकास योजना के तहत जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने छोटे-बड़े पांच डैम में लगभग 42 लाख फिश फिंगर (मछली का जीरा) छोड़े। इस महत्वाकांक्षी योजना का सीधा लाभ मत्स्यजीवी समितियों और विस्थापित मछुआरों को मिलेगा, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा। जिला मत्स्य पदाधिकारी उषा किरण ने बताया कि योजना के तहत दो वैराइटी का मछली जीरा छोड़ा गया। इसमें पहला भारतीय मेजर कार्प है। इसमें रेहू, कतला और मृगल शामिल हैं। वहीं दूसरा ग्रास कार्प है। उन्होंने बताया कि विभाग ने चरणबद्ध तरीके से जीरा डैमों में छोड़ा है। इसमें 17 और 18 नवंबर को मैथन डैम में सर्वाधिक 26.5 लाख फिश फिंगर छोड़े गए। इसके बाद 19 और 20 नवंबर को पंचेत डैम में 13.5 लाख फिंगर फिश छोड़े गए। अंतिम चरण में गुरुवार को टुंडी के मझिरडीह डैम...