समस्तीपुर, नवम्बर 7 -- समस्तीपुर। गांव, कस्बा व शहर अमूमन हर धार्मिक पर्व पर उल्लास का साक्षी बनते हैं। गुरुवार को भारतीय संवैधानिक व्यवस्था का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक पर्व था। मतदान केंद्रों के पास तो उल्लास का माहौल था जबकि शहर व कस्बों की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। वहीं, बंद दुकानों पर वोट डाल चुके जागरूक मतदाताओं की चुनावी चकल्लस चलती रही। लोकतंत्र के उत्सव का नजारा हर गली व मोहल्लों में छाया रहा। बूथ और मतदान केंद्र के बाहर भी अनोखी रौनक थी। वहीं दुकानदारों को न सामान बेचने की चिंता और न ही लोगों को सामान खरीदने की। मतदान पर्व के उल्लास में मिल रहा सुकून मानो सबके मन को अच्छा लग रहा था। वाहन भी इक्का-दुक्का ही चल रहे थे। बूथ पर वोट डालकर लौट रहे लोग दुकान पर मंडली जुड़ी देखी, खुद भी बैठ गए। कौन रहा भारी, कहां किसकी बढ़त दिनभर बस यही गणित ल...