नई दिल्ली, अगस्त 19 -- सुपीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा में पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की कथित भूमिका से जुड़ी ऑडियो रिकॉर्डिंग की जांच को लेकर केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की कार्रवाई पर मंगलवार को नाखुशी जताई। अदालत ने कहा कि जांच 'गलत दिशा में है। न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि उसने ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता के बारे में नहीं पूछा था, बल्कि आवाज के नमूनों की जांच का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा कि हमने वीडियो की प्रामाणिकता के बारे में नहीं पूछा था। हम यह जानना चाहते हैं कि उस आवाज को व्यक्ति की स्वीकृत आवाज के साथ जांचने के बाद क्या यह पहचाना जा सकता है कि दोनों में एक ही व्यक्ति बोल रहा है? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के दूसरी अदालत में होने के कारण मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्...