भदोही, दिसम्बर 29 -- ज्ञानपुर, संवाददाता। मटर फसल में फल-फूल लगने लगा है। अगार में बोए गए मटर तैयार हो चले हैं। बदलते मौसम में रतुआ रोग होने का खतरा फसल में बढ़ गया है। रोग से बचाव को किसान विशेष सावधानी नहीं बरते तो फसल प्रभावित हो सकती है। फल लगने वाले मटर फसल की हल्की सिंचाई करना भी काफी लाभदायक होता है। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विश्वेंदु द्विवेदी ने बताया कि अगार बोए गए मटर फसल तैयार हो चले हैं। फसल में फल-फूल लगते समय पाउड्री मीडियो व रतुआ रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। मटर के फूल-पत्ता व तनों पर सफेद पाउडर जैसा जमने लगा है। वहीं, रतुआ रोग होते ही मटर फसल में जंग जैसा भूरा रंग का परत जमने लगता है। मटर की फल-फूल व पेड़ों पर जंग जैसा जमने लगता है। दोनों रोग से बचाने के लिए किसान डाइलोकेप या सल्फर 80 फीसदी डब्ल्यूक...
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