लखनऊ, अप्रैल 21 -- सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के आह्वान पर सोमवार को असंगठित क्षेत्र के संगठनों व यूनियनों ने ईको गार्डेन में मजदूर पंचायत का आयोजन कर धरना दिया। इस दौरान नेताओं ने न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाने, काम के आठ घंटे निर्धारित करने, स्कीम वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने और चारों श्रम संहिता रद्द किए जाने की मांगों को रखा। सीटू के राष्ट्रीय महामंत्री व पूर्व सांसद तपन सेन ने कहा कि 29 श्रम कानूनों को बदलकर चार श्रम संहिता बनायी गई है। इन श्रम संहिताओं के जरिए मजदूरों के पक्ष के कानूनों को कमजोर किया गया है। मालिकों के पक्ष में इसे मजबूत किया गया है। उन्होंने चारों श्रम संहिता रद्द किए जाने की मांग की। राष्ट्रीय सचिव केएन उमेश ने कहा कि विकास के मौजूदा रास्ते पर रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है। रोजगा...