हजारीबाग, सितम्बर 24 -- इचाक, प्रतिनिधि । डुमरांव गांव का माहौल बुधवार सुबह उस समय पूरी तरह गमगीन हो गया जब हादसे में जान गंवाने वाले 38 वर्षीय शंकर कुमार मेहता का शव गांव पहुंचा। शव घर में आते ही पत्नी, मां, बहन और बेटियों की करुण पुकार से पूरा गांव दहल उठा। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग भी जयलाल महतो के घर पर उमड़ पड़े। हर कोई नियति को कोस रहा था और कह रहा था कि अब शंकर के तीन मासूम बच्चे, पत्नी और बुजुर्ग मां-बाप का सहारा कौन बनेगा। पत्नी बबीता देवी, मां शांति देवी और बहनों सरिता, फुलेश्वरी व गीता के चीत्कार से मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। शंकर 18 सितंबर को रोजगार की तलाश में गुजरात रवाना हुआ था, लेकिन रास्ते में ट्रेन में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। कमाऊं बेटे की मौत ...