नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- नई दिल्ली, का. सं.। तीस हजारी कोर्ट ने आठ साल पुराने हादसे में फैक्टरी मालिक और क्रेन ड्राइवर को दोषी करार दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंकित करण सिंह की अदालत ने कहा कि यह घटना किसी आकस्मिक भूल का नतीजा नहीं, बल्कि लापरवाही से हुआ हादसा था। मामला वर्ष 2017 में पश्चिमी दिल्ली के रणहौला इलाके की एक फैक्टरी में हादसे से जुड़ा है। इसमें पांच टन वजन की मशीन गिरने से मजदूर मुकेश का दाहिना पैर पूरी तरह कट गया था। अभियोजन के मुताबिक, पीड़ित मुकेश की जिम्मेदारी केवल एसी फिल्टर बनाने की थी, लेकिन घटना वाले दिन फैक्टरी मालिक संतोष गुप्ता ने उसे क्रेन ड्राइवर की मदद करने को मजबूर किया। क्रेन ड्राइवर अरुण कुमार ने जैसे ही मशीन को क्रेन से झटके में उठाया वह मुकेश के पैर पर गिर पड़ी।

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