जहानाबाद, मई 28 -- अरवल, निज संवाददाता। अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा अरवल के सचिव कामरेड उपेंद्र पासवान ने जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते बिहार मजदूरों का पलायन का प्रदेश बन चुका है। तीन करोड़ से ज्यादा मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में बिहार से बाहर हैं। इन प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा समान और जीविका के गारंटी के लिए केंद्र सरकार ने कोरोना कल की त्रासदी के बावजूद कोई कानून नहीं बनाया है। हजारों प्रवासी मजदूर प्रतिवर्ष दुर्घटना, बीमारी अथवा आकस्मिक मृत्यु का शिकार होते हैं। लेकिन केंद्र सरकार एक पैसे का मुआवजा नहीं देती है। देश के विकास के लिए जरूरी है बिहार का विकास, लेकिन बिहार सरकार के विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर मोदी सरकार ने ठंडे वस्ते में डालने का काम किया है। प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष आयोग का गठन समय की म...