सिमडेगा, मार्च 26 -- सिमडेगा, जिला प्रतिनिधि। जिले में पलायान एक अभिशाप की तरह है। मजदूरों को घर में ही काम देने के लिए मनरेगा योजना चल रही है। लेकिन इसके बावजुद पलायान बदस्तुर जारी है। समय पर काम नहीं मिलने, समय पर मजदूरी भुगतान नहीं होने और भ्रष्टाचार हावी होने के कारण मजदूर मनरेगा योजना में काम करने के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखाते है। जिले में लगभग 1, 20,000 की संख्या में मनरेगा निबंधित मजदूर है। जिसमें से लगभग 56530 परिवारों को मनरेगा में काम मिला है। एक परिवार को सौ दिन के रोजगार गारंटी के तहत 4680 परिवार को ही सौ दिन का रोजगार मिला है। इधर जानकारी के अनुसार जनवरी माह से मजदूरी भुगतान लंबित है। ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा में मजदूरी भुगतान बैंक खाते में किया जाता है। जिससे पैसा निकासी में काफी परेशानी होती है। बैंक जाकर पैसा निकालने म...