संतकबीरनगर, सितम्बर 21 -- हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिले की छोटी सी नगर पंचायत मगहर कभी रोजी रोटी का केन्द्र हुआ करती थी। बाहर से श्रमिक आकर काम करते थे। नगर में चहल पहल बनी रहती थी। आज यहां रोजगार के साधन बंद हो गए हैं। हुनरमंदों के पास काम नहीं मिल रहा है। जिससे उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है। ये दाने दाने के मोहताज बन गये है। कबीर के कर्म योग से जुड़ा था हथकरघा उद्योग, इसको परवान चढ़ाने वाली कताई मिल कई दशक से बंद पड़ी है। इससे यहां दिन-रात रौनक बनी रहती थी। जिससे जुड़े डेढ़ हजार परिवार का भरण पोषणा होता था। यही हाल यहां के गांधी आश्रम का भी हो गया है। प्रदेश तीन सबसे बड़े गांधी आश्रम में से एक था। यहां भी दिन रात काम होता था। यहां के हुनरमंद कर्मचारी व मजदूर आज दर-दर भटक रहे हैं। जिन्हें काम के लाले पड़े हैं। इन सबके ...
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