बस्ती, मार्च 11 -- बस्ती। रमजानुल मुबारक का दूसरा अशरा बुधवार से शुरू हो रहा है। इस अशरे में रोजेदारों को अल्लाह से ज्यादा से ज्यादा अपनी गुनाहों से माफी के लिए तौबा करनी चाहिए। सच्चे दिल से की गई तौबा के बाद अल्लाह गुनाहों को माफ कर देता है। दारुल उलूम इस्लामिया परसा के प्रिंसिपल एजाज आलम खान ने बताया कि रमजानुल मुबारक में तीन अशरा होता है। पहला रहमत का अशरा होता है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबान रहता है। रहमत के तमाम दरवाजे खोल दिए जाते हैं। यह अशरा मंगलवार को समाप्त हो रहा है। बुधवार से दूसरा अशरा मगफिरत का शुरू हो रहा है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को यह अवसर प्रदान करता है कि वह सच्चे दिल से गुनाहों से तौबा कर ले तो उसे माफ कर दिया जाएगा। तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात का होता है। हर ईमान वाले की यह तमन्ना होती है कि इस जी...
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