चतरा, जनवरी 30 -- टंडवा, निज प्रतिनिधि। मगध, आम्रपाली, संघमित्रा और चंद्रगुप्त कोल परियोजना से हर साल 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने के लक्ष्य पर काम कर रही सीसीएल के विस्तारीकरण से लगभग 40 गांव से अधिक परिवार विस्थापित होने वाले है़। मगध और आम्रपाली प्रबंधन के द्वारा कोल उत्पादन के लिये गांवों को विस्थापित करना आरंभ कर दिया है। इसमें सर्वप्रथम लातेहार जिले के बालूमाथ अंचल के चमातू गांव का टोला तिलैयाटांड़ है। जहां सिर्फ साहू और उरांव समाज के लोग रहते थे। बताया गया कि एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना मगध के जीएम नृपेन्द्रनाथ ने तिलैयाटांड़ के 75 परिवार को न्यू तिलैयाटांड़ को पुनर्वास स्थल बना दिया। जो गणेशपुर पंचायत में पड़ता है। पुनर्वास के दौरान जिस प्रखंड के लोग वासी है उसी प्रखंड में सीसीएल पुनर्वास की योजना बना रही है। ताकी किसी को अपना ...