मधुबनी, अप्रैल 5 -- मधुबनी। भारत से अमेरिका को हर साल 25 से 30 हजार मैट्रिक टन मखाना का निर्यात किया जाता है। वर्तमान में मखाने का निर्यात ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, रूस, अमेरिका आदि देशों में हो रहा है, लेकिन अमेरिका सबसे बड़ा उपभोक्ता है। इस कारण यहां के अधिकतर कारोबारी अपने उत्पाद को अमेरिका भेजने वाले रूट लाइन पर अधिक काम करते हैं। टैरिफ बढ़ने की घोषणा से मिथिलांचल से सीमांचल तक के मखाना उत्पादक व कारोबारी चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को व्यापार नीतियों में बदलाव कर निर्यात के वैकल्पिक केंद्र तलाशने होंगे। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चूंकि, मखाने के उत्पादन में 80 फीसदी हिस्सा बिहार का है। ऐसे में तात्कालिक तौर पर बहुत असर होता नहीं दिख रहा है। जीआई टैग के बाद बढ़ी मखाने की मांग: 20 अगस्त 2022 को मिथिला मखाना को जीआई (जियोग्राफ...