पूर्णिया, मार्च 17 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। गेहूं की खेती करने में किसानों की दिलचस्पी कम हो जाने से गेहूं की पैदावार में पूर्णिया काफी पिछड़ गया है। गेहूं की फसल में लागत पूंजी भी नहीं उठा सकने के कारण के कारण धीरे-धीरे किसानों ने गेहूं की खेती छोड़ दिया। कई बड़े किसान खाने के लिए थोड़ी बहुत गेहूं की खेती कर लेते हैं। अन्यथा किसानों ने गेहूं की खेती छोड़ कर मक्का की खेती पर विशेष जोर दिया है। दस-बीस साल पहले पूर्णिया जिले में चहुंओर गेहूं की खेती होती थी। किसान गेहूं की अच्छी-खासी पैदावार करते थे। पूर्णिया गेहूं उत्पादन के मामले में सूबे के अव्वल जिलों में था। किसानों के साथ साथ मजदूर भी पूरे एक साल के लिए गेहूं का स्टाक पूरा कर रख लेता था। कोठी और ड्राम में गेहूं रखकर एक साल तक गेहूं के आटा की रोटी खाया करते थे लेकिन अब गेहूं...