समस्तीपुर, जून 5 -- रोसड़ा। अपने ही घर में उपेक्षित हैं दुनिया को दर्शन का पाठ पढ़ाने वाले महान दार्शनिक उदयनाचार्य। सनातन धर्म की रक्षा के लिए उदयनाचार्य को बौद्ध धर्म के विद्वानों व धर्म प्रचारकों के साथ शास्त्रार्थ भी करना पड़ा था। सनातन धर्म की रक्षा के लिए ही उदयनाचार्य ने मिथिला की पावन धरती रोसड़ा के करियन डीह में जन्म लिया था। राजनेताओं के छलावे आश्वासन के कारण उदयनाचार्य के डीह को वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसका वह हकदार है। 2018 में उदयन डीह पर आयोजित दो दिवसीय उदयनाचार्य स्मृति पर्व को संबोधित करते हुए सूबे के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने उदयन के डीह को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने का आश्वासन दिया था। इतना ही नहीं सूबे के कला व संस्कृति मंत्री ने तो आचार्य उदयन की स्मृति में प्रत्येक साल राजकीय समारोह का आयोजन करने का आश्...