बेगुसराय, मई 27 -- मंझौल, एक संवाददाता। सत्संग गुरुद्वारा मंझौल का अस्तित्व समाप्ति के कगार पर पहुंचता जा रहा है। गुरुद्वारा का खपरैल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। लोगों के अनुसार सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर ने असम जाने के क्रम में 16-17वीं शताब्दी में मंझौल में सत्संग गुरुद्वारा की स्थापना की थी। गुरु तेग बहादुर की हत्या के बाद भी लाव लश्कर के साथ पंजाब से सिखों के समूह का आकर प्रतिवर्ष शब्द कीर्तन जारी रहा था। धीरे-धीरे पंजाब से सिखों का आना बंद हो गया। गुरु तेग बहादुर ने गुरुद्वारे की देखभाल के लिए गुरु ग्रंथी को नियुक्त किया था। 9 से 10 गुरु ग्रंथी ने गुरुद्वारा की देखरेख की। लोगों के अनुसार लगभग 40 बीघा जमीन गुरुद्वारे में लोगों ने दान में दी थी। गुरु ग्रंथी गुरुद्वारे की जमीन को लगातार बेचते रहे तथा शेष जमीन का स्थानीय लोगो...