भागलपुर, सितम्बर 9 -- भागलपुर, मुख्य संवाददाता-संजय कुमार। मंजूषा चित्रकला की तरह अंग इलाके की विलुप्त लोककला माली पेंटिंग को पुनर्जीवित करने की तैयारी हो रही है। इसे पुनर्जीवित करने का जिम्मा राज्य सरकार ने लिया है। कला, युवा एवं संस्कृति विभाग ने बिहार की विलुप्त लोककलाओं को संरक्षण व पोषण करने की योजना में माली पेंटिंग को शामिल किया है। माली कला अब यदा-कदा ही दिख जाती है। जब कोई व्यक्ति-महिला विषहरी मंदिर में या शीतला माता की पूजा के दौरान झांप चढ़ाते हैं। यह झांप ही माली कला कहलाती है। मंजूषा चित्रकला के रिसर्च फेलो मनोज पंडित बताते हैं, मंजूषा सनई लकड़ी व शोला से मंदिरनुमा ढांचे पर बनाया जाता है। इसे ग्रामीण इलाकों के लोग गोसाईं पूजा में जरूर लगाते हैं। माली कला कभी-कभार शादी-ब्याह के लिए बनाए गए मौर या लड़की की शादी में मड़वा में लग...