नई दिल्ली, सितम्बर 3 -- भारत, रूस और चीन की तिकड़ी की एकजुटता दुनिया को बदल सकती है और यह 21वीं सदी एशिया की हो सकती है। यह विचार अकसर पेश किया जाता रहा है। लेकिन यह भी सच है कि फल तब तक डाली से टूटकर नहीं गिरता, जब तक पक न जाए। शायद अब तीनों देशों के साथ आने के विचार में अब वह मोड़ आ गया है। इस बार शंघाई सहयोग संगठन की समिट पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र रही और लगभग हर तस्वीर पर डोनाल्ड ट्रंप की सीधी नजर थी और टिप्पणियां भी आती रहीं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह तमाम देशों पर टैरिफ लादे हैं और भारत पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाया है, उससे इस गठजोड़ वाले विचार में और तेजी ला दी। साफ है कि यदि वैश्विक कूटनीति में RIC कहे जाने वाले रूस, भारत और चीन इसी रास्ते पर चले तो अगले कुछ साल निर्णायक हो सकते हैं। रूस तो लंबे समय से इस एकता की पहल करत...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.