रुडकी, अगस्त 16 -- इमाम हुसैन के चेहल्लुम पर मोहल्ला पठानपुरा स्थित बड़ा इमामबाड़ा और दरबारे हुसैन में मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस का आगाज सोज सलाम के साथ हुआ। मजलिस के बाद अलम जुलूस बरामद हुआ जो रात्रि में बड़े इमामबाड़े पर जाकर संपन्न हुआ। शुक्रवार को बड़े इमामबाड़े पर सोज सलाम के बाद मर्सिया ख्वानी पूर्व राज्यमंत्री सैय्यद अली हैदर जैदी ने की। मजलिस को मौलाना मौहम्मद असकरी ने खिताब किया। उन्होंने मौलाना इमाम-ए-हुसैन के जीवन पर विस्तार पूर्व प्रकाश डाला। कहा कि इमाम-ए-हुसैन की कुर्बानी किसी विशेष जाति धर्म के लिए नहीं बल्कि पूर्व मानव जाति के लिए थी। करबला की जंग किसी पद या दौलत के लिए नहीं, बल्कि हक और बातिल के बीच थी। मानवता की रक्षा के लिए इमाम-ए-हुसैन ने राहे खुदा में अपने पूरे परिवार की कुर्बानी पेश की। मजलिस के बाद मुख्य मातमी ...