सासाराम, जुलाई 14 -- दावथ, एक संवाददाता। परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने मंगलाचरण के महत्व को समझाया। कहा मंगलाचरण किसी भी कथा के प्रारंभ में मध्य और अंत में जरूर करना चाहिए। मंगलाचरण के माध्यम से मंगल का कामना किया जाता है। कहा मंगलाचरण का मतलब भगवान श्रीमन नारायण के चरण की वंदना करते हुए मंगल की कामना को मंगलाचरण कहा जाता है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा पाठ में सबसे पहले मंगलाचरण जरूर होना चाहिए।
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