नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- Hanuman ji ki kripa: ये चौपाई रामचरितमानस के सुंदरकांड की हैं। इसमें लंकापति रावण और हनुमान जी के बीच बात हो रही है। इसमें रावण की मुलाकात हनुमान जी से होती है। जिसमें रावण हनुमान जी को वानर कहता है और हनुमान जी से वन को नष्ट करने का कारण पूछता है और यह जानना चाहता है कि किसने उन्हें भेजा है। इसके बाद हनुमान जी भगवान राम के यश और कीर्ति का गुणगान करते हुए बताते हैं। आइए जानें इन चौपाई में रावण और हनुमान जी के बीच क्या बात हुई। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करना हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष लाभकारी बताया गया है। मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से आपको हनुमान जी की कृपा मिलती है। कह लंकेस कवन तैं कीसा। केहि कें बल घालेहि बन खीसा॥ की धौं श्रवन सुनेहि नहिं मोही। देखउँ अ...