वाराणसी, मार्च 20 -- वाराणसी। बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के छात्रों ने 'शक्ति, शांति और स्वास्थ्य के लिए आत्मप्रबंधन विषय पर स्वामी कृष्णकांत से बेहतर जीवन जीने की कला सीखी। स्वामी कृष्णकांत ने कहा कि भौतिक साधनों से असुरक्षा बढ़ती है और असुरक्षा से असंतोष और असंतोष से दुःख। उन्होंने कहा कि लम्बी आयु से ही सुख नहीं मिलता। बड़ा परिवार भी सुख का आधार नहीं। रावण के एक लाख पूत सवा लाख नाती थे फिर भी वह सुखी नहीं था। हमें अपने ग्रंथों से सीखना चाहिए, जिस देश में उपनिषद हो, गीता हो, उदात्त साहित्यिक परम्परा हो वहां के लोग डिप्रेशन में जाते हैं या आत्महत्या करता हैं इसका मतलब हम अपने जड़ों से कट गए हैं। स्वामी कृष्णकांत का स्वागत प्रो. विजयनाथ मिश्र ने किया। धन्यवाद आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो एसएन संखवार ने किया। प्रो. प्रकाश शुक्ल, प्...