नई दिल्ली, मई 17 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने शनिवार को देश में भौगोलिक, क्षेत्रीय, धार्मिक विविधताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 'संविधान इन विविधताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। भारतीय विधिज्ञ परिषद द्वारा आयोजित अपने सम्मान समारोह में सीजेआई गवई ने कहा कि 'हमारे पास भौगोलिक और क्षेत्रीय विविधता होने के साथ ही, देश में विभिन्न धर्मों के लोग हैं। उन्होंने कहा कि देश अलग-अलग हिस्से में रहने की लागत भी भिन्न है हमारे नागरिकों की आर्थिक स्थिति में विविधता है, इसलिए, और इन्ही विविधताओं को ध्यान में रखकर संविधान तैयार किया गया। देश के पहले बौद्ध सीजेआई बने जस्टिस गवई ने न्यायपालिका में अपनी करियर यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वकील बनना उनकी पहली पसंद नहीं थी। उन्होंने कहा कि 'मेरी पहल...