मुरादाबाद, अगस्त 9 -- मुरादाबाद। आ जा उड़ा ले, पहले मेरी बढ़ गई,पाकर कर ले, ये काटा वो काटा, कट गई कट गई। की गूंज के साथ जब भोर की पहली किरण उजागर हुई तक तक आकाश में पतंगों का जाल फैल चुका था। हालांकि कुछ ही देर में हवा का बहाव रुकने और फिर बारिश होने से पतंगों के शैकीनों में उदासी छा गई। छतें और मैदान भी गिले हो गए। मगर कुछ ही देर में हवा चलने और धूप खिलने से इनके चेहरे खिल गए। बस फिर किया था हर तरफ शोर और माइकों ने गूंजते रक्षाबंधन के गीतों ने पर्व के जश्न को और बढ़ा दिया। मुरादाबाद में रक्षाबंधन पर पतंगों उड़ाने का चलन है। युवा इसके लिए कई दिन से तैयारियां कर रहे थे। शुक्रवार को तो पूरे दिन, पूरी रात और शनिवार की सायं तक पतंगों का बाजार खुला रहा। युवाओं ने तड़के से ही पतंगे उड़ाना शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए हवा रूकी और बारिश भी आ गई ...