अजय कुमार त्रिपाठी, सितम्बर 2 -- बिहार के गोपालगंज जिले के भोरे को महाभारत काल के वीर योद्धा भूरिश्रवा की धरती कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि 'भोरे' नाम भी 'भूरिश्रवा' की वजह से पड़ा। बिहार की राजनीति में भी भोरे की अहमियत रही है। यहां से पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 462 मतों के अंतर से जदयू के टिकट पर जीते सुनील कुमार प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं। इस लिहाज से एनडीए के लिए इस बार का चुनाव अग्निपरीक्षा से गुजरने से कम नहीं और विकास की कसौटी पर खुद को साबित करने की चुनौती है। भोरे, गोपालगंज जिले का एकमात्र सुरक्षित (अनुसूचित जाति आरक्षित) विधानसभा क्षेत्र है। 1957 में अस्तित्व में आई भोरे सीट को 1977 में सुरक्षित घोषित किया गया था। अब तक यहां से कुल 16 विधायक चुने गए। इनमें कांग्रेस के सात, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एक, जनता पार्टी के एक, ज...
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