चम्पावत, नवम्बर 7 -- लोहाघाट। पहाड़ों में बढ़ती ठंड के चलते भेड़ पालक मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख करने लगे हैं। आदि कैलाश से शुरू हुई यात्रा में भेड़ पालकों को लोहाघाट पहुंचने पर 16 दिन लग गए। शुक्रवार को भेड़ पालक मुकेश सिंह, शगुन सिंह और गौतम सिंह ने बताया कि आदि कैलाश क्षेत्र से लोहाघाट तक का सफर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। कहा कि अप्रैल तक खटीमा में रहेंगे। इसके बाद वे फिर पहाड़ों की ओर लौट आएंगे। वर्तमान में उनके पास भेड़ बकरियां हैं। टीम में तीन लोग और नौ घोड़े शामिल हैं। भेड़ों की सुरक्षा के लिए तीन कुत्ते भी चल रहे हैं।

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