मुजफ्फरपुर, अगस्त 27 -- मुजफ्फरपुर, हिप्र। पूर्वजों ने दूसरे गांव में स्थित अपनी अधिकांश जमीन बेच दी, लेकिन उसका कुछ हिस्सा किसी को जोतने के लिए दे दिया। शुरू में इस जमीन की उपज वे लेते रहे। कालांतर में जमीन देने वाले व उसे जोतने वाली कई पीढ़ियां गुजर गईं। दोनों वास्तव में यह भूल गए जमीन किसकी है। जमीन जोतने वाले उसे अपनी पुश्तैनी समझने लगे। वहीं जमीन के मूल मालिक के वंशजों को याद ही नहीं रहा कि दूसरे गांव में उसकी जमीन बची रह गई थी। अब राजस्व महाअभियान के तहत जमीन के मूल मालिक के पास जमाबंदी पंजी पहुंची है। अब वे अपनी जमीन को ढूंढ रहे हैं। हालांकि, इस तरह के मामले में जमीन का रकबा कम है और इसके कई मालिक हैं। मीनापुर अंचल के एक कर्मी ने बताया कि रामपुरहरि गांव के एक व्यक्ति के बगल के गांव में सात कठ्ठा जमीन की जमाबंदी पंजी आयी है। बताया ज...
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