प्रयागराज, जनवरी 30 -- महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के दूसरे स्नान पर्व पर हुई भगदड़ के बाद कई लोगों का पता देर रात तक नहीं चल पाया। अपनों की खोज में परिजन और मित्र अस्पतालों के अलावा भूले-भटके शिविरों में भी पहुंचे। स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से संचालित भूले-भटके शिविरों में पहुंचे कई लोगों ने एक तरह का सवाल किया, देर रात से उनके रिश्तेदार या करीबी गायब हैं। दोनों शिविरों में दो दर्जन से अधिक लोगों ने रात एक बजे अपनों का साथ छूटने की बात कही। सभी ने अपनों के गायब होने के पीछे हादसे का हवाला दिया। भूले-भटके शिविर के संचालक उमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि अधिकतर ने देर रात अपनों के खोने की बात कही। महिला और बच्चों के भूले-भटके शिविर की लता सिंह ने भी यही बात कही। वहीं सबसे बड़े स्नान पर्व पर सामान्य तौर पर अपनों से बिछड़ने वालों से भूले-भटके शिविर ...