नई दिल्ली, मई 14 -- सुप्रीम कोर्ट ने उस भूमि विवाद मामले में अपना आदेश वापस ले लिया, जिसमें यह बात सामने आई कि अनुकूल फैसला एक फर्जी समझौते और प्रतिवादी के माध्यम से हासिल किया गया था। न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को इस मामले में जांच करने और तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात की विस्तृत जानकारी हो कि वास्तव में हुआ क्या है। साथ ही दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की चेतावनी भी दी। पीठ ने 13 दिसंबर, 2024 को याचिकाकर्ता और प्रतिवादी के बीच कथित समझौते के आधार पर मुजफ्फरपुर निचली अदालत और पटना हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द कर दिया था। बाद में पता चला कि कथित प्रतिवादी एक धोखेबाज था और असली प्रतिवादी हरीश जा...