नई दिल्ली, अगस्त 18 -- देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ आज (सोमवार को) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कुलपति के रूप में प्रोफेसर नईमा खातून की नियुक्ति को बरकरार रखने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। पीठ में CJI गवई के अलावा जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया भी शामिल थे। इसी दौरान जस्टिस चंद्रन ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। सुनवाई को दौरान जस्टिस चंद्रन ने खुलासा किया कि जब प्रोफेसर (डॉ.) फैजान मुस्तफा को चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (CNLU) का कुलपति नियुक्त किया गया था, तब वे वहां के कुलाधिपति थे। मुस्तफा चूंकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए भी शॉर्टलिस्ट किए गए थे, जिसमें यह पद बाद में खातून को मिला। इसलि...