सीवान, मार्च 22 -- बड़हरिया, एक संवाददाता। रमजान का तीसरा आसरा जहन्नुम से आजादी की है। रमजान के पूरे एक महीने को तीन आसरे में बांटा गया है। रमजान के महीने में अल्लाह ने कुरान नाजिल फरमाया। इस महीने में इंसान को पाक साफ रहकर रोजा रखने से बड़ी फजीलत है। इसमें रोजा रख कर अपने गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। इस माह में नफिल नमाज के सवाब फर्ज के बराबर है। उक्त बातें मौलाना अकील खान मिस्बाही ने कही। उन्होंने ने कहा कि रमजान में शैतान को जंजीरों से जकड़ दिया जाता है। जहन्नुम के दरवाजा बंद कर दिया जाता है। कहा कि रमजान में हर किसी की मदद करनी चाहिए। इस माह में भूखे प्यासे रहकर जो दुआएं मांगी जाती हैं, वह दुआ कबूल होती है। कहा कि सभी को रोजा रखकर अल्लाह के इबादत करने से अल्लाह बहुत खुश होते हैं। सभी को पाक साफ रहकर इबादत करनी चाहिए और गरीबों की मदद करनी...