कौशाम्बी, अक्टूबर 24 -- नेवादा ब्लॉक के बैरगांव में गुरुवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन साहित्याचार्य धर्मरत्न पं. उमादत्त ओझा ने श्रोताओं को सुखदेव जन्म, परीक्षित श्राप और अमर कथा का भावपूर्ण वर्णन सुनाया। कथा सुन श्रोता भावविभोर हो उठे। कथा में श्रोताओं को बताया कि नारद जी के आग्रह पर पार्वती जी ने भगवान शिव से उनकी मुंडमाला के बारे में पूछा। शिव जी ने बताया कि यह मुंडमाला पार्वती जी के विभिन्न जन्मों की है। जिन्हें वह हर जन्म में देह त्यागने पर अपने गले में धारण करते हैं। पार्वती जी ने हंसते हुए पूछा कि हर जन्म में केवल वह ही क्यों मरती हैं, तो शिव जी ने कहा कि उन्होंने अमर कथा सुन रखी है। इस पर पार्वती जी के आग्रह पर शिव जी ने अमर कथा सुनानी शुरू किया। उस समय वहां एक तोते का अंडा था, जो कथा ...