सीतामढ़ी, जून 13 -- जून की तपती दोपहर में जब सूरज सिर पर हो तब एक घूंट ठंडा पानी किसी जीवनदान से कम नहीं होता। नगर निगम ने इसी जरूरत को देखते हुए शहर के 46 वार्डों व प्रमुख स्थलों पर 19 स्थायी और 40 अस्थायी प्याऊ लगाने का दावा किया था। जब हिन्दुस्तान की टीम ने गुरुवार को शहर के अलग-अलग इलाकों में पड़ताल की तो हकीकत कुछ और ही निकली। शहर के अधिकतर जगहों पर प्याऊ हैं, लेकिन उसमें पानी नहीं है। कहीं सिर्फ प्याऊ स्टैंड ही था, उसपर रखा मटका गायब था। शहर के प्रमुख भीड़भाड़ वाले इलाकों में से एक जानकी स्थान में नगर निगम के तरफ से पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई। वहां लगा चापाकल ही बाजार के लोगों के साथ-साथ आने-जाने वाले राहगीरों का सहारा बना हुआ है। बुधवार की दोपहर में एक मात्र चापाकल होने के कारण भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाने को दर्जनों लोगों का...