हरिद्वार, सितम्बर 18 -- हरिद्वार, संवाददाता। भीमगोड़ा में श्रीराम नाट्य संस्थान की ओर से आयोजित रामलीला में ताड़का वध के मंचन से दर्शकों से खचाखच भरा पंडाल रोमांचित हो उठा। वहीं, राजा जनक के हल चलाने से माता सीता के पैदा होने से जनकपुरी में उत्सव मनाने का मंचन भी किया गया। देर रात तक चले रामलीला के मंचन में राक्षसों के बढ़ते अत्याचार को रोकने के लिए ही ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार में जाते हैं। उनसे राम लक्ष्मण को अपने साथ ले जाकर यज्ञ रक्षा करने का वास्ता दिया तो राजा दशरथ ने रघुकुल की परम्परा तथा राजधर्म का निर्वाह करते हुए राम व लक्ष्मण को ऋषि विश्वामित्र के साथ भेज दिया। दिग्दर्शक हरीश भट्ट ने बताया कि राजा जनक के राज्य में सूखा पड़ गया और जनता भूख से व्याकुल हो उठी।

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