बागेश्वर, जून 5 -- बागेश्वर, संवाददाता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुंजन सिंह ने भालू के पित्त की तस्करी के मामले में तीन लोगों को दोष सिद्ध पाया। तीनों को चार-चार साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि सात अगस्त 2023 को एसओजी व डीएफओ बागेश्वर उमेश तिवारी को फोन पर मुखबिर ने भालू के पित्त की तस्करी की सूचना मिली। इसके बाद डीएफओ ने वन क्षेत्राधिकारी एसएस करायत व हरीश चंद्र सती को पौड़ीधार के पास निर्माणाधीन रोडवेज वर्कशॉप पर भेजा। लगभग दो बजकर, आठ मिनट पर वन विभाग के सदस्य पहुंचे। यहां से टीम के सदस्य एलओजी टीम के साथ ताकुला मार्ग की तरफ गए। गोल बैंड के पास यात्री शेड के अंदर तीन व्यक्ति बैठे थे। गाड़ी से जब संयुक्त टीम के सदस्य उतरे तो तीनों घबराने लगे। घबरान...