पौड़ी, नवम्बर 5 -- थलीसैंण के गांवों में सक्रिय भालू ने वन विभाग की जहां चुनौतियों में इजाफा किया हुआ है वहीं ग्रामीणों को भालू की दहशत से निजात नहीं मिल पा रही हैं। पिछले करीब तीन महीने से भालू ने राठ के कई गांवों में आंतक मचा रखा है। भालू को ट्रैंक्यूलाइज करने और मारने की परमिशन को लेकर दो-दो बार वन विभाग को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक तक की दौड़ लगानी पड़ी। हालांकि अभी भी भालू वन विभाग की पकड़ से बाहर है। भालू की लोकेशन को ट्रेस करने के लिए वन विभाग को थ्रमल ड्रोन का सहारा लेना पड़ा। गढ़वाल वन प्रभाग की एसडीओ आयशा बिष्ट ने बताया कि दिन में भालू दिखाई नहीं देता लिहाजा रात में ही लोकेशन को ट्रेस किया जा सकता है। ऐसे में थ्रमल ड्रोन से भालू की लोकेशन चेक की जा रही है। यदि लोकेशन मिल गई तो उसे ट्रैक्यूलाइज करने में आसानी हो जाएगी। वहीं भालू ने...