नई दिल्ली, नवम्बर 1 -- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक रूसी महिला का अपने भारतीय पति के साथ बच्चे को संरक्षण को लेकर जारी विवाद में ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करना चाहता जिससे भारत-रूस संबंधों को नुकसान पहुंचे। अदालत ने रूसी महिला का पता लगाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर चिंता जताई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने समुचित समन्वय की जरूरत पर बल दिया। अदालत ने यह भी रेखांकित किया कि इस मुद्दे का समाधान ढूंढने और बच्चे को सुप्रीम कोर्ट की कस्टडी में वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए), मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास और नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास के सामने एक कूटनीतिक चुनौती खड़ी हो गई है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि विदेश मंत्रालय नेपाल के साथ एमएलएटी के माध्यम से नेपाली...