नई दिल्ली, दिसम्बर 7 -- 'भारतीय समाज दुनिया के सबसे नस्लवादी और रंगभेद करने वाले समाजों में से एक है।' यह हमारा कहना नहीं है, बल्कि कर्नाटक हाईकोर्ट का है। कर्नाटक हाईकोर्ट की तरफ से यह टिप्पणी शुक्रवार को की गई। कोर्ट ने कहा कि हम भारतीय भले ही कई बार दूसरों के ऊपर नस्लवाद और रंगभेद का आरोप लगाते हैं लेकिन असल में हम सबसे बड़े नस्लवादी और रंगभेदी हैं। एंकर सुधीर चौधरी बनाम कर्नाटक राज्य केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस अरुण ने कहा कि हम भारतीयों की इसी मानसिकता की वजह से भारत में समुदाय आधारित राजनीति और तुष्टिकरण की नीतियां बहुत आम हैं। उन्होंने कहा, "हम भारतीयों की... हमारे हर समुदाय की यही समस्या है कि हम नहीं समझते कि यहां केवल एक ही प्रजाति है, जिसे होमो सेपियंस कहते हैं। हम दुनिया की सबसे बड़े नस्लवादी समाजों में से एक हैं। हम दूसरे स...