नई दिल्ली, मार्च 14 -- भारत में एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को मंजूरी तो मिल गई है लेकिन मस्क की राह में रोड़े जरूर आ गए हैं। हाल ही में एयरटेल और जियो के साथ हुए करार के बाद स्टारलिंक के भारत में प्रवेश का रास्ता कुछ हद तक साफ हुआ है लेकिन भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा के लिए लाइसेंस अवधि को 5 साल तक सीमित करने की योजना बनाई है। यह फैसला एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के लिए बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि कंपनी ने 20 साल के लाइसेंस की मांग की थी।क्या है मामला? भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर बड़ा विवाद चल रहा था। मस्क की स्टारलिंक चाहती थी कि उसे 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम मिले, ताकि वह लॉन्ग-टर्म प्लानिंग कर सके और सस्ती सेवाएं दे सके। दूसरी ओर, मुकेश अं...