प्रयागराज, मई 28 -- हिन्दुस्तानी एकेडेमी की ओर से बुधवार को गांधी सभागार में भारतीय ज्ञान परंपरा और स्त्री विमर्श विषय पर संगोष्ठी हुई। मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की डॉ. अंकिता चौहान ने कहा कि हमारी ज्ञान परंपरा में बेटियां देवियां थी। भारत नौ देवियों का अनुष्ठान करने वाला दुनिया का इकलौता देश है। वह दौर अपनी ज्ञान संपदा की ओर लौटने का है, जिसमें स्त्री-पुरुष का भेद नहीं था। आर्य महिला पीजी कॉलेज, वाराणसी की प्रो. सुचिता त्रिपाठी ने कहा कि स्त्री हमारी ज्ञान परंपरा में सृष्टि उत्पत्ति के साथ ही पाई गईं हैं। ऋग्वेद से लेकर उपनिषद, सूत्र साहित्य अन्यान्य ग्रंथों में स्त्री की गरिमामयी उपस्थिति देखने को मिलती है। कुलभाष्कर आश्रम डिग्री कॉलेज ...